धार्मिक धरोहरों को संवारते हुए जिले को विकास की राह पर ले जाने की कवायद शुरू की गई है। जिले के तीन मंदिरों को पर्यटन का केंद्र बनाते हुए शहीद स्मारकों पर राष्ट्रभक्ति की अमर मशाल को जलाने का खाका पर्यटन विभाग की ओर से खींचा गया है। लखनऊ की आर्कीटेक्ट टीम ने विकास कार्यों के लिए 45 करोड़ की लागत का प्रस्ताव तैयार कर शासन को सौंपा है।
पर्यटन विभाग की राज्ययोजना के तहत जिले के तीन मंदिरों को शामिल किया गया है। इसमें प्राचीन देवकली मंदिर के पर्यटन विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 12.19 करोड़ का इस्टीमेट बना है। मां मंगलाकाली मंदिर के लिए 2.63 करोड़ का इस्टीमेट तैया किया गया। वहीं बूढ़ादाना गांव स्थित रामजानकी मंदिर के लिए 2.53 करोड़ रुपये का प्रस्ताव पेश किया गया है। इससे मंदिरों का सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास कराया जाएगा। साथ ही ककोर मुख्यालय में तिरंगा मैदान में प्रेक्षागृह का निर्माण होगा, जिसके लिए 24.38 करोड़ का इस्टीमेट बना है।
आजादी के क्रांतिवीरों की याद दिलाने वाले बीझलपुर शहीद स्मारक का पुनरोद्धार के लिए 2.61 करोड़ का खाका तैयार हुआ है। वहीं जिला योजना के तहत पर्यटन विभाग ने ककोर मुख्यालय के तिरंगा मैदान में पार्क और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 49 लाख की रूपरेखा तैयार की है।
ककोर की बदल जाएगी सूरत
साल 1997 में इटावा से कटकर वजूद में आए औरैया को ककोर मुख्यालय के विकास को 27 साल बीत चुके हैं। प्रेक्षागृह की राह अब पूरी होने जा रही है। अधिकारियों के आवासों से लेकर कार्यालयों की रूपरेखा काफी हद तक पूरी हो चुकी है, लेकिन अभी भी सफर लंबा है। तिरंगा मैदान में पार्क से लेकर आकर्षण के कई उपक्रम पर्यटन विभाग ने अपने इस प्रस्ताव में शामिल किए हैं। इससे ककोर मुख्यालय की सूरत बदल जाएगी।
बोले जिम्मेदार——-
आर्कीटेक्ट टीम के द्वारा मंदिरों, शहीद स्मारक व प्रेक्षागृह का रोडमैप तैयार कर लिया गया है। शासन को प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। जनपद में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में यह बड़ा कदम है। बजट मिलने पर इन कार्यों को धरातल पर उतारा जाएगा।