फफूंद (औरैया)। नगला पाठक गांव में पांच वर्षीय बालिका की बुखार और उल्टी-दस्त से हालत बिगड़ गई। सौ शैया अस्पताल से उसे सैफई रेफर कर दिया गया। रास्ते में बच्ची ने दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि डीपीटी का बूस्टर लगने से बच्ची की हालत बिगड़ी, जिससे मौत हो गई। वहीं, डॉक्टर का कहना है कि बूस्टर से हालत नहीं बिगड़ी। बच्ची को सर्दी का असर था।
गांव नगला पाठक के लक्ष्मण कठेरिया ने बताया कि उप स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम ने बुधवार को गांव के पांच वर्षीय चार बच्चों को डीपीटी की बूस्टर लगाई थी। इसमें उसकी बेटी तान्या भी थी। लक्ष्मण का कहना है कि वैक्सीन लगने के कुछ देर बाद तान्या को तेज बुखार आ गया। उल्टी-दस्त होने लगी। इससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। परिजन उसे एएनएम के पास ले गए।
एएनएम ने उन्हें सीएचसी दिबियापुर भेजा, जहां बच्ची को 100 शैया जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लक्ष्मण ने बताया कि 100 शैया में पुत्री की हालत नाजुक देख डॉक्टर ने सैफई रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही तान्या ने दम तोड़ दिया। परिजनों की मांग पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।
इधर, दिबियापुर स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विजय आनंद ने बताया कि बीमार बच्ची अस्पताल आई थी। उसको उल्टी होने की बात परिजनों ने बताई थी। उन्होंने खुद उसका इलाज किया था। बालिका को सर्दी का असर था। 100 शैया रेफर किया गया था। डीपीटी की बूस्टर डोज से कोई बीमारी नहीं हुई है। अन्य बच्चों को भी डोज लगाई गई थी, जोकि पूरी तरह स्वस्थ हैं।