बिजनेस डेस्कः जनवरी में भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने दमदार शुरुआत की है। दिसंबर में थोड़ी सुस्ती के बाद अब एक्सपोर्ट्स में करीब 14 साल की सबसे तेज बढ़त देखने को मिली है। नए ऑर्डर्स भी जुलाई के बाद सबसे तेज रफ्तार से बढ़े हैं। इस वजह से जनवरी का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) छह महीने के टॉप लेवल पर पहुंच गया है।
HSBC और S&P Global द्वारा जारी किए गए डेटा के अनुसार, जनवरी में PMI 57.7 रहा, जबकि दिसंबर में यह 56.4 था। बता दें कि PMI का 50 से ऊपर होना सेक्टर में ग्रोथ को दर्शाता है, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दिखाता है। जबरदस्त एक्सपोर्ट्स और ऑर्डर्स की इस तेजी से भारतीय प्रोड्यूसर्स ने नए साल की मजबूत शुरुआत की है, जो आगे भी इकोनॉमी के लिए पॉजिटिव संकेत माना जा रहा है।
सर्वे के मुताबिक, कॉस्ट प्रेशर 11 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, लेकिन मांग में तेजी के चलते कंपनियों ने अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाए। इसके साथ ही बिजनेस कॉन्फिडेंस भी मजबूत हुआ है। खरीदारी में बढ़ोतरी और रिकॉर्ड लेवल पर रोजगार सृजन देखने को मिला है। नए ऑर्डर्स में उछाल की वजह बेहतर घरेलू मांग और इंटरनेशनल सेल्स में बढ़ोतरी रही। खास बात यह रही कि भारतीय प्रोडक्ट्स की अंतरराष्ट्रीय मांग में 14 साल की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की गई।
HSBC की चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, “डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट डिमांड दोनों मजबूत बनी हुई हैं, जिससे नए ऑर्डर्स में ग्रोथ देखने को मिल रही है।” उन्होंने आगे बताया कि एम्प्लॉयमेंट PMI ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत जॉब क्रिएशन का संकेत दिया है। यह इंडेक्स अपने लॉन्च के बाद से अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।