Sunday, December 14, 2025

Lucknow News: एक खजाना नहीं, आजादी का सपना था काकोरी ट्रेन एक्शन

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अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी महोत्सव के समापन समारोह पर आज शुक्रवार को ‘एक खजाना नहीं, आजादी का सपना था काकोरी ट्रेन एक्शन’ विषय पर परिचर्चा, निबंध व चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शहीदों के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और पुष्पांजलि के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।संस्थान के सदस्य तरुणेश बौद्ध ने कहा कि 9 अगस्त, 1925 वह तारीख है जब क्रांतिकारियों ने उत्तर प्रदेश के काकोरी से गुजरने वाली एक ट्रेन से राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए धन एकत्र करने के मकसद से खजाने को लूटा था। इस घटना का मकसद था कि पैसों से हथियार खरीदे जाएं और अंग्रेजों के खिलाफ उनका इस्तेमाल किया जाए। सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य अवधेश ने बताया कि यह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी, जब हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के क्रांतिकारियों ने लखनऊ से सहारनपुर जा रही अंग्रेजी सरकार के खजाने को ले जा रही ट्रेन को रोका था, जिसका उद्देश्य आजादी का सपना था। संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सिंह, डॉ. धीरेंद्र सिंह, अरुणेश मिश्र और वनराज आदि ने भी संबाेधित किया।

परिचर्चा के अलावा निबंध व चित्रकला प्रतियोगिता भी हुई। चित्रकला प्रतियोगिता में छात्रा रचना मौर्या को प्रथम, अंजलि को द्वितीय तथा उर्वशी यादव को तृतीय पुरस्कार के अलावा पांच अन्य प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।

निबंध प्रतियोगिता में आकर्षक वर्मा को प्रथम, काव्या मौर्या को द्वितीय, यश कुमार को तृतीय पुरस्कार और पांच अन्य प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न एवं सहभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

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