लखनऊ डेस्क ।जी हां ये चंद लाइने उन अमर शहीदों के लिए सटीक बैठती हैं… जिन्होंने हंसते-हंसते भारत में शहीदों की तुर्बत की खुशबू भर दी.. उन अमर शहीदों ने उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर शाहजहांपुर की धरती पर जन्म लेकर हिंदुस्तान की जमीं पर आजादी की एक अलख जगाई… आज आजादी के नायक रहे उन तीन शहीदों के बलिदान का दिन है… जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ हल्ला ही नहीं बोला बल्कि हंसते- हंसते फांसी के फंदे पर चढ़ गए… ये आजादी के नायक कोई और नहीं बल्कि राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और रोशन सिंह थे… आज ही की वो मनहूस तारीख़ थी जब ब्रिटिश सरकार ने आजादी के इन तीनों नायकों को फांसी पर चढ़ा दिया था… आखिर बिस्मिल, अशफाक और रोशन सिंह को फांसी क्यों दी गई थी?, तीनों शहीदों का काकोरी कांड से क्या कनेक्शन था? बिस्मिल-अशफाक और रोशन सिंह को फांसी देने के लिए अलग- अलग शहर, अलग-अलग जेलों के अलग- अलग फंदे क्यों प्रयोग किए गए थे? आज हम आपको आजादी के नायक औऱ हिंदुस्तान में आजादी की अलख जगाने वाले बिस्मिल-अशफाक और रोशन सिंह की पूरी कहानी बताएंगे… बताएंगे कैसे काकोरी कांड को अंजाम दिया गया और सरकारी ख़जाने को डंके की चोट पर लूट लिया गया।
डेस्क सम्पादक : प्रीति शुक्ला