Saturday, March 15, 2025

अंगीठी के धुएं से दम घुटा, मासूम की मौत

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जौनपुर- रोहनिया थाना क्षेत्र के दरेखु गांव में बुधवार रात अंगीठी के धुएं से दम घुटने से कमरे में सोए दो वर्षीय बालक डुग्गू की मौत हो गई। माता-पिता व भाई अचेत हो गए। घटना की जानकारी सुबह तब हुई जब पड़ोसियों ने कमरे का दरवाजा खोला। पुलिस ने सभी को अस्पताल पहुंचाया।सूचना पर पहुंची पुलिस बेहोश परिजनों को तत्काल मंडलीय अस्पताल ले गई। उनकी हालत खतरे से बाहर है।जौनपुर के चंदवक का मूल निवासी वाहन चालक राहुल (32 वर्ष) दरेखू गांव के रोमारु सिंह के मकान में किराये पर पत्नी रिंकी, पांच वर्षीय बेटे अनुज व दो साल के डुग्गू रहता था। मकान में रहनेवाले अन्य किरायेदारों ने बताया कि सुबह जब राहुल का कमरा काफी देर तक नहीं खुला तो शंका हुई। काफी देर दरवाजा खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला। धक्का देकर दरवाजा खोल लोग अंदर गए। भीतर अंगीठी के धुएं की वजह से काफी घुटन थी। बेड पर राहुल, रिंकी व अनुज अचेत पड़े थे। जबकि डुग्गू की मौत हो चुकी थी। मौके पर एडीसीपी गोमती जोन, रोहनिया थाना प्रभारी ने पहुंचकर छानबीन की। पुलिस ने राहुल, उसकी पत्नी व बेटे अनुज को कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचाया। तीनों की हालत स्थिर है।

हवा रोकने को खड़की पर लगा दी थी बोरीआसपास के लोग कमरे में पहुंचे तो अंदर लोहे की तसली में लकड़ी जली हुई थी। खिड़की बंद थी। खिड़की से हवा न आये, इसके लिए बोरी भी लगाई गई थी। कमरे में रोशनदान भी नहीं था। पुलिस ने मासूम के शव का पोस्टमार्टम कराया। सूचना पर चंदवक से परिजन भी पहुंच गए।रेलकर्मी के परिवार की भी इसी तरह हुई थी मौत बीते रविवार को काशी स्टेशन के पास स्थित रेलवे कॉलोनी के सरकारी आवास के बेडरूम में रेलकर्मी राजीव रंजन पटेल (35), पत्नी अनुपमा (32) और ढाई साल के बेटे हर्ष का शव मिला था। तीन की मौत अंगीठी के धुएं से दम घुटने की वजह से हुई थी। इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई थी।

ये लापरवाही हो सकती है जानलेवाठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े व रजाई कंबल ओढ़कर सोए। कमरे में क्रॉस वेंटिलेशन (हवा के आने जाने का प्रबंध) हो इसका ध्यान रखा जाए। जलती अंगीठी कभी भी कमरे में रखकर न सोएं। हीटर या ब्लोवर चलाएं तो भी इस बात का ध्यान रखें कि कमरे में ताजी हवा आती रहे। क्योंकि देर तक इनके प्रयोग से कमरे में आक्सीजन की मात्रा घट जाती है। अंगीठी हमेशा पोर्च या खुले स्थान पर ही जलाएं। क्योंकि इसके धुएं में कार्बन मोनो आक्साइड काफी मात्रा में होती है।

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