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प्रतिबंधित अवैध सॉफ्टवेयर कई गुना तेज होता है
टिकट दलाल इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के समानांतर सिस्टम चला रहे हैं। यह सिस्टम तत्काल टिकटों की बुकिंग शुरू होते ही रेलवे के सिस्टम को हैक कर लेता है। प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर की चाल रेलवे के सॉफ्टवेयर से कई गुना फास्ट होती है। टिकट दलाल इतने शातिर होते हैं कि टिकट बुक होने से पहले ही यात्री का नाम, उम्र और अन्य विवरण भरकर तैयार रहते हैं। काउंटर पर जब तक क्लर्क 1 टिकट बुक करता है, तब तक दलालों का नेटवर्क अपने सिस्टम से 15-20 टिकट बुक कर लेते हैं। इसके बाद यात्रियों से मुंहमांगी रकम वसूलते हैं।
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इन सॉफ्टवेयर को हो रहा प्रयोग : बाजार में नए-नए साफ्टवेयर उपलब्ध हैं। जिसमें पुष्पा जीएफ नया सॉफ्टवेयर है इसमें रेड मिर्ची, रेड मैंगो, ब्लैक वोल्टी, कोविड-19, रेडबुल, डेल्टा व डेल्टा प्लस, ब्लैक टीएस, पुष्पा जीएफ व तेज समेत तमाम सॉफ्टवेयर हैं।
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केस-1
33,524 रुपये के 21 ई टिकट बरामद
सहज जनसेवा केंद्र चलाने की आड़ में रेल टिकट की कालाबाजारी करने वाले दलाल को आरपीएफ की टीम ने रविवार को गिरफ्तार किया। वह सहजेरपुर बाजार में जनसेवा केंद्र चलाता है। केंद्र से मिले प्रतिबंधित गदर सॉफ्टवेयर, 21 रेल ई टिकट, लैपटॉप, प्रिंटर को आरपीएफ ने जब्त कर लिया। पकड़ा गया आरोपी अंकित फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के लोनियाडीह गांव का रहने वाला है।
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केस-2
33 ई-टिकट के साथ दलाल को किया गिरफ्तार
आरपीएफ व सीआईबी वाराणसी ने संयुक्त रूप से 19 जनवरी को लाटघाट बाजार में ऑनलाइन सर्विस पर छापेमारी दुकान संचालक राजकुमार प्रजापति को गिरफ्तार किया था। वह जीयनपुर कोतवाली के गड़ेरुआ गांव निवासी है। उसने एजेंट आईडी की आड़ में पर्सनल आईडी बनाकर प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर तेज का प्रयोग कर तत्काल ई-टिकट बुक कर महंगे दामों पर बेचता था। उसके पास से टीम ने नौ पर्सनल आईडी बरामद की। इसके साथ ही 61 हजार से अधिक के 29 ई-टिकट बरामद हुए। इन पर यात्री की जानी बाकी थी। 8 हजार से अधिक कीमत के चार ई-टिकट बरामद हुए, इस पर यात्रा हो चुकी थी।
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कोट
अवैध सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकट निकालने वालों पर नजर रखी गई है। बहुत जल्द ही टिकट दलालों पर अंकुश लगाने का कार्य किया जाएगा। – अभय कुमार राय, थाना प्रभारी रेलवे सुरक्षा बल आजमगढ़।