Mainpuri News: उत्तर प्रदेश में मैनपुरी जिले के किशनी तहसील में जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) जनशिकायतें सुन रहे थे, तभी एक मां-बेटी ने हंगामा खड़ा कर दिया। डीएम अंजनी कुमार सिंह के समझाने के बावजूद वे नहीं मानीं, जिसके बाद उन्हें पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस ने दोनों को थाने ले जाकर शांतिभंग के आरोप में चालान कर दिया।
जानिए, क्या है पूरा मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक, इस घटना में बहरामऊ के निवासी अशोक कुमार की पत्नी राधा देवी और उनकी बेटी दिव्या शामिल थीं। उन्होंने डीएम को बताया कि उनके खेतों से दबंगों द्वारा कब्जा नहीं हटाया जा रहा है, जबकि राजस्व अधिकारियों ने पहले ही कब्जे का निशान लगा दिया था। मां-बेटी ने सुनील, अनिल, सुभाष, काशीराम, राकेश और विवेक पर आरोप लगाया कि उन्होंने दोबारा पैमाइश कराकर कब्जा कर लिया है।
डीएम ने 5 मिनट तक उनकी शिकायत सुनी और कार्रवाई का आश्वासन दिया। लेकिन जब राधा देवी और उनकी बेटी डीएम से बहस करने लगीं और आत्महत्या की धमकी देने लगीं, तो डीएम ने एहतियात के तौर पर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
गौरतलब है कि इससे 2 दिन पहले, एक परिवार ने कलेक्ट्रेट परिसर में शिकायत के दौरान आत्मदाह का प्रयास किया था। इसी को ध्यान में रखते हुए डीएम ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह कदम उठाया। पुलिस ने दोनों महिलाओं को थाने ले जाकर शांतिभंग के आरोप में चालान किया। एसडीएम किशनी, गोपाल शर्मा ने उन्हें सख्त हिदायत दी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
डीएम का बयान
डीएम अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने किसी को जेल भेजने की बात नहीं कही थी। उन्होंने कहा कि मैंने पूरा मामला सुना और आश्वासन दिया कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। लेकिन मां-बेटी कुछ सुनने को तैयार नहीं थीं और बार-बार आत्महत्या की बात कह रही थीं। इसलिए मैंने उन्हें पुलिस के पास भेजा। जब वे शांत हो गईं, तब उन्हें घर भेज दिया गया। मीडिया में चल रही खबरें गलत हैं। यह मामला मैनपुरी में चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोगों की नजरें इस पर टिकी हुई हैं कि आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।