औरैया। रोडवेज डिपो से सटी 221 करोड़ कीमत की बेशकीमती जमीन से रविवार को मलबा हटवाने का काम चलता रहा। जमीन से सटी एक बिल्डिंग में संचालित सहकारी बैंक की शाखा पर भी प्रशासन की निगाह पहुंची है। वहीं अभी तक इस जमीन पर चल रहे कामों को लेकर किराया वसूलने वालों को रडार पर लिया जा रहा है। सरकारी जमीन से मुनाफा खींचने वालों से अब जुर्माना वसूलने की तैयारी है।रविवार को लोगों की भीड़ यहां जमा मलबे से सरिया निकालने में जुटी रही। जिसके हाथ जो लग साथ ले गए। इस मामले में तहसील प्रशासन का रुख और सख्त होता नजर आ रहा है। परिसर में बनी एक बिल्डिंग में संचालित सहकारी बैंक की शाखा भी निशाने पर आई है। बैंक को नोटिस जारी करते हुए किरायेनामे के कागजात तलब किए जाएंगे। जमीन किसकी है और भवन किसने खड़ा किया था।इस सब के साक्ष्य जुटाते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं सदर कोतवाली में 17 लोगों पर दर्ज कराए गए मुकदमे के तहत चिह्नित हुए लोगों के बयान होंगे। इसमें किराया वसूलने वाले लोगों को चिह्नित किया जाएगा। सरकारी जमीन का दुरुपयोग करते हुए सालों से मुनाफा ऐंठ रहे लोगों से अब रिकवरी का खाका तैयार किया जाएगा। प्रशासन की पुख्ता तैयारी के बीच अवैध कब्जेदारों में खलबली है।कोट::
‘रोडवेज डिपो के बगल की जमीन खाली करा ली गई है। मलवा उठाया जा रहा है। बगल की बिल्डिंग में संचालित बैंक को नोटिस जारी करते हुए किरायानामा व भवन के कागजात तलब किए जाएंगे। जमीन पर काबिज लोगों से किराया वसूलने वालों से रिकवरी कराई जाएगी। साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।’
-रणवीर सिंह, तहसीलदार सदर
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फोटो कैप्शन फोटो-05एयूआरपी08- नाली की टूटी पटियों से सटकर खड़ी की जाती बाउंड्री। संवाद
बनाई गई बाउंड्री
रविवार को भी अधिकारियों का डिपो की बगल वाली जमीन पर आवागमन बना रहा। खाली कराई गई जमीन को घेरने के लिए पालिका की ओर से बाउंड्रीवाल तैयार की जा रही है। यहां नालियों की टूटी पटियों पर भी शायद अधिकारियों की नजर पड़ी होगी। सालों से टूटी पड़ी पटियों की मरम्मत अब हो सकेगी।
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रणनीति के तहत चुना दिन
जानकार बताते हैं कि प्रशासन ने डिपो के बगल जमीन पर हुए अवैध कब्जों को हटाने के लिए सरकारी तंत्र ने पुख्ता तैयारी की थी। ऐसा दिन चुना था कि कब्जेदार न्यायालय की आड़ लेकर कोई बाधा न डाल सकें। इस लिए प्रशासन ने शनिवार व रविवार का दिन चुना। दोनों ही दिन न्यायालय में अवकाश था। सालों से इस जमीन पर कोर्ट में चल रहे वादों का हवाला देकर अवैध कब्जे संचालित हो रहे थे। इसे प्रशासन की पुख्ता तैयारी ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।