औरैया। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विकास गोस्वामी ने सदर कोतवाली क्षेत्र के लगभग 13 साल पूर्व हुए युवक के अपहरण व हत्या के प्रयास मामले में सजा सुनाई है।उन्होंने चार दोषियों रेनू दुबे, शनि पांडेय, अनुज चौबे व गुलशन वर्मा को 10 साल के कारावास की सजा से दंडित किया है। चारों दोषियों पर कोर्ट ने 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। हिस्ट्रीशीटर रहे बंटी चतुर्वेदी के साथ काम करने वाले चारों दाेषियों को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया।मामला चार मई 2013 का है। वादी राधेश्याम पाल ने पुलिस को तहरीर दी थी । इसमें उन्होंने कहा था कि जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय इंगुठिया के चपरासी मलखान सिंह निवासी निगड़ा ने उन्हें बताया कि 3/4 मई की रात वह और उनका बेटा हरीबाबू स्कूल में रात ड्यूटी पर थे। रात लगभग एक बजे हिस्ट्रीशीटर परिहार टोला निवासी बंटी चतुर्वेदी आया।
उसके साथ बनारसीदास निवासी रेनू दुबे, गुमटी मोहाल निवासी शनि पांडेय, फूलगंज निवासी अनुज चौबे, खिड़की साहबराय निवासी गुलशन वर्मा और अन्य साथी भी थे। वह लोग उनके बेटे हरीबाबू को जबरन गाड़ी में डालकर अपहरण कर ले गए। बाद में पुलिस ने युवक को ढूंढ लिया।
वहीं तहरीर पर सदर कोतवाली में पांचों आरोपियों के खिलाफ हत्या के उद्देश्य से अपहरण की धारा में चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की। यह मुकदमा अपर सत्र न्यायालय प्रथम में चला। मंगलवार को इसका निर्णय सुनाया गया।
मुख्य आरोपी बंटी चतुर्वेदी की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो जाने पर उसका नाम मुकदमे से हटा दिया गया। शेष बचे चारों आरोपियों को कोर्ट ने दोषी माना।
इस प्रकरण में दोनों पक्षों के वकीलों की दलील सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम विकास गोस्वामी ने चारों दोषियों रेनू दुबे, शनि पांडेय, अनुज चौबे व गुलशन वर्मा को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया।
शनि को आयुध अधिनियम की धारा में दो साल की सजा व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी दी। कोर्ट ने अर्थदंड में से 20 हजार रुपये अपहृत हरीबाबू को देने का भी आदेश दिया। चारों दोषियों को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया।