प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में बड़े पैमाने पर खामियां मिली हैं। कहीं संकाय सदस्यों की संख्या कम मिली है तो कहीं ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में ताला बंद मिला। अब इन सभी कॉलेजों को नोटिस जारी कर सप्ताहभर में जवाब देने के निर्देश दिए गए हैं। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।प्रदेश में चल रहे 36 निजी मेडिकल कॉलेजों में तीन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत चल रहे हैं। इन कॉलेजों की चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय से सात बिंदुओं पर जांच कराई गई। सरकारी कॉलेजों के तीन-तीन सदस्यीय टीम को निजी कॉलेजों के औचक निरीक्षण के लिए भेजा गया। इन टीमों ने आधारभूत संरचना, संकाय सदस्यों की तीन माह की उपस्थिति पंजिका, छह माह की सेलरी स्लिप, ओपीडी, आईपीडी, ओटी सहित अन्य की अलग- अलग रिपोर्ट, छात्र-छात्राओं से वसूले जा रहे शिक्षण शुल्क आदि की जांच की। टीमों ने अपनी रिपोर्ट महानिदेशालय को सौंप दी है। चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्थाएं सुधारने के लिए जांच कराई गई थी। रिपोर्ट मिलने के बाद सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सूत्रों की मानें तो निजी कॉलेजों में संकाय सदस्यों के नाम तो हैं, लेकिन उपस्थिति पंजिका पर उनके हस्ताक्षर नहीं मिले हैं। कई कॉलेजों में ऑपरेशन थियेटर में वर्षों से ताला बंद मिला है। गौतमबुद्धनगर के एक कॉलेज में छात्रों ने निर्धारित शुल्क से ज्यादा फीस लेने की शिकायत की है। लखनऊ स्थित कॉलेज में ऑपरेशन थियेटर में दर्शाई गई सामग्री नहीं मिली।