Muzaffarnagar News: उत्तर प्रदेश की आगरा पुलिस ने धर्मांतरण मामले में कार्रवाई करते हुए शनिवार सुबह मुजफ्फरनगर के खालापार थाना क्षेत्र के जामिया नगर निवासी 28 वर्षीय अबू तालिब को गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक अबू तालिब पर धर्मांतरण करने का आरोप है जिसके चलते जहाँ आगरा पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है तो वहीं दूसरी ओर अबू के परिवार का आरोप है कि पुलिस उसे घर से जबरन उठाकर ले गई है जबकि उसका धर्मांतरण गैंग से कोई ताल्लुक नहीं है।

मुसलमान होने के नाते उस पर आरोप लगाया जा रहा
अबू तालिब लोकल में मजदूरी ड्राइविंग और लोअर बनाने जैसा काम किया करता था। परिजनों की माने तो अबू तालिब फिलहाल एक प्राइवेट कार चला रहा था इसका एक भाई मोहल्ले में ही हलवाई का काम करता है। अबू तालिब अविवाहित है और उसके पिता दिल के मरीज है। अबू तालिब की बहन सफिया ने इस पूरे मामले में मीडिया को जानकारी देते हुए जहाँ बताया की अबू तालिब हमारे भाई लगते हैं यह तो बिना वजह भड़काने वाली बात है उस पर पहले कोई आरोप नहीं है। यह तो मुसलमान होने के नाते उस पर आरोप लगाया जा रहा है उसे फंसाया जा रहा है। फंसाने की लोगों की नीति है यह ग्रुप चल भी रहा है कि हिंदू लड़कियों से संबंध बनाओ, फालतू की बातें बनाओ लड़कों को बहकाओ इधर मुसलमान लड़कियों को फंसाओं। यह तो बिना वजह परेशान करने वाली बात है। मोहल्ले में कोई रिकॉर्ड नहीं है कोई बात नहीं है, कोई थाने में रिपोर्ट भी नहीं है। बच्चा शरीफ है अपने काम पर जाता था शायद किसी जान पहचान वाले दोस्तों ने फंसाया है।

अबू तालिब प्राइवेट ड्राइवर था
पुलिस ने कुछ नहीं बताया है वह तो शाम को जब अपने काम से आया है सात आठ बजे अपने घर में खाना खाया सोया सुबह में नाश्ता किया। नाश्ते के बाद 8:30 बजे पुलिस आई है। यहां मोहल्ले में पूछा है यह कौन है किसका घर है उसका दूसरा भाई था उसने पूछा कि आप कौन हो कैसे आए हो उसका मोबाइल छीन लिया, लेडिस को धक्का मुक्का किया। लेडी ने पूछा तो उनको लताड़ दिया हमारे बच्चे का क्या कसूर है। हमने पूछा आप कहां से आए, क्यों आए क्या, जुर्म में बता दीजिए इसने गुनाह क्या किया है लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बताया। वह लेडिस के साथ में बदतमीजी करके गए हैं। अबू तालिब जॉब भी कर लेता था, प्राइवेट ड्राइवर था कोई बुकिंग आ जाती थी उसको भी कर लेता था। लोअर बेचने का काम भी कर लेता था यह सब षड्यंत्र है यह फंसाया जा रहा है। फंसाने की नीति है यह तो उन्होंने हमें अबू तालिब ने भी नहीं बताया, ना हमसे मिलने दिया, ना हमसे बात करी, ना थाने में हमारे बच्चे से मिलने दिया, ना पुलिस ने बताया ना इंस्पेक्टर ने बताया जो आगरा की पुलिस आई थी वह बिना कहे बिना सुने बिना समझे बिना मां बाप के सुने बिना बच्चों की सुने घर में उसकी बहनों के साथ बदतमीजी करके या अभद्र व्यवहार करते हुए सको लेकर चले गए कुछ नहीं बताया। हम अज्ञान है दो-तीन वर्दी में थे और सब बिना वर्दी के थे।

पुलिस पर अभद्रता के आरोप
तो वहीं अबू तालिब की फूफी गुफराना की माने तो मेरा नाम फुरकान है मैं इसकी फूफी लगती हूं। मैं यही बताना चाह रही हूं कि मैने गेट से तो आए नहीं भाई उसका बेसब ढूंढ रहा था यहां सबसे पूछा कि उसका घर कहां है। डायरेक्ट आवाज नहीं दी लड़के को उसका मोबाइल छिना उसके साथ बदतमीजी की। उसने कहा मेरा मोबाइल क्यों ले रहे हो उन्होंने कहा तालिब कहां है। अगर हमारे मन में कोई चोरी होती तो हम यहां बच्चों को सुलाते थोड़े ही ना। बच्चों को ऊपर बता दिया भाई ने मोबाइल इसका बड़े भाई का लेकर और ऊपर जाकर उसका भी मोबाइल छीना और इसकी बहन दवाई खाने में नौकरी करती है उसको छोड़ने जा रहा था अगर 2 मिनट और पुलिस ना आती तो वह तो चला जाता। घर से फिर यह होता कि उसको हमने भगा दिया। बच्ची भी यही रह गई है चाहे कंपनी वालों से पूछ लो उनके भी बयान ले लो उन्होंने हमें कुछ नहीं बताया। मेरा बेटा आया उसने पूछा कि क्या बात है उसे भी कहा कि तुम पीछे हट जाओ हम थोड़ा दूर रहते हैं। उन्होंने हमें कुछ नहीं बताया, क्या बता सकते हैं हम यह मांग करते हैं हमारा बच्चा हाजिर होना चाहिए। हमारा सारा सामान लेकर चले गए। कुरान शरीफ को भी फेंक रहे थे, चिप निकाला यहां मैं पढ़ी-लिखी नहीं हूं। यहां सारे कैमरे बंद करवा दिए।
धर्मांतरण मामले में अबू तालिब गिरफ्तार, परिजन बोले- वह बेकसूर… मुस्लिम होने के कारण फंसाया; पुलिस पर भी अभद्रता के आरोप


