पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के जिस बयान पर देश में सियासी भूचाल आ गया है। उसके बारे में सूबे के सीएम नीतीश कुमार को पता ही नहीं है। मुख्यमंत्री से जब मंत्री चंद्रशेखर यादव के रामचरितमानस को लेकर विवादित कमेंट पर सवाल किया गया तो उनका जवाब सुनने लायक था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमको इसके बारे में नहीं पता है। हमको मालूम नहीं है। नीतीश कुमार समाधान यात्रा पर दरभंगा में थे, जब उनसे प्रोफेसर चंद्रशेखर के कमेंट पर सवाल किया गया।
हमको मालूम नहीं… हम पूछ लेंगे उनसे, बोले सीएम नीतीश
रामचरितमानस पर मंत्री चंद्रशेखर के विवादित कमेंट पर मुख्यमंत्री ने बड़ी सफाई से बस इतना ही कहा कि हमें जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने आगे ये भी जोड़ा कि हम उनसे पूछ लेंगे। भले ही सीएम नीतीश को इस बयान के बारे में जानकारी नहीं हो। लेकिन रामचरितमानस पर किए गए कमेंट के खिलाफ बीजेपी समेत विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस और तमाम हिंदूवादी पार्टियां आ गई हैं।
प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान पर नहीं थम रहा घमासान
बीजेपी ने बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर मोर्चा खोल दिया है। वहीं अब आरजेडी के लिए समस्या खड़ी हो गई है कि वह भगवान राम और रामचरितमानस में विश्वास रखने वालों के सामने क्या मुंह दिखाएगी? एक तरफ तेजस्वी यादव ए टू जेड की बात कर रहे हैं। सभी धर्मों के सम्मान की बात कर रहे, वहीं उनकी पार्टी के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस को लेकर ऐसे कमेंट कर रहे, जिसका विरोध हो रहा।
एक दिन पहले दिया गया बयान… नीतीश बोले- पता ही नहीं
प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरित मानस की चौपाइयों पर सवाल उठाया है। यही नहीं वह अपने इस बयान पर कायम भी हैं। उनका कहना है कि यह ग्रंथ लोगों को बांटने वाला है। उन्होंने तर्क दिया है कि रामचरितमानस में दलितों पिछड़ों और औरतों का अपमान किया गया है। उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ नफरत पैदा करता है। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरित मानस और तीसरे युग में गोलवलकर की ‘बंच ऑफ थॉट्स’ ने नफरत फैलाने में अपनी भूमिका निभाई है।
हमको मालूम नहीं… हम पूछ लेंगे उनसे, बोले सीएम नीतीश
रामचरितमानस पर मंत्री चंद्रशेखर के विवादित कमेंट पर मुख्यमंत्री ने बड़ी सफाई से बस इतना ही कहा कि हमें जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने आगे ये भी जोड़ा कि हम उनसे पूछ लेंगे। भले ही सीएम नीतीश को इस बयान के बारे में जानकारी नहीं हो। लेकिन रामचरितमानस पर किए गए कमेंट के खिलाफ बीजेपी समेत विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस और तमाम हिंदूवादी पार्टियां आ गई हैं।
‘रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला ग्रंथ’, बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान
प्रोफेसर चंद्रशेखर के बयान पर नहीं थम रहा घमासान
बीजेपी ने बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर मोर्चा खोल दिया है। वहीं अब आरजेडी के लिए समस्या खड़ी हो गई है कि वह भगवान राम और रामचरितमानस में विश्वास रखने वालों के सामने क्या मुंह दिखाएगी? एक तरफ तेजस्वी यादव ए टू जेड की बात कर रहे हैं। सभी धर्मों के सम्मान की बात कर रहे, वहीं उनकी पार्टी के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस को लेकर ऐसे कमेंट कर रहे, जिसका विरोध हो रहा।
एक दिन पहले दिया गया बयान… नीतीश बोले- पता ही नहीं
प्रोफेसर चंद्रशेखर ने रामचरित मानस की चौपाइयों पर सवाल उठाया है। यही नहीं वह अपने इस बयान पर कायम भी हैं। उनका कहना है कि यह ग्रंथ लोगों को बांटने वाला है। उन्होंने तर्क दिया है कि रामचरितमानस में दलितों पिछड़ों और औरतों का अपमान किया गया है। उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ नफरत पैदा करता है। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरित मानस और तीसरे युग में गोलवलकर की ‘बंच ऑफ थॉट्स’ ने नफरत फैलाने में अपनी भूमिका निभाई है।
लखनऊ डेस्क संपादक: कृष्णा दुबे