औरैया। शहर के दिबियापुर बाईपास किनारे के मोहल्लों में जलभराव से रास्ते गायब हो गए हैं। यहां मकानों के चारों तरफ पानी भरा है। जलकुंभी भी उगी है।जलनिकासी का अभाव होने से लोगों को संक्रामक रोग फैलने का खतरा बना है। लोगों का कहना है कि गंदे पानी में जहरीले कीड़े भी पनप गए हैं। दो हजार की आबादी इन दिनों संकट के दौर में है। शहर का दायरा दिनों दिन बढ़ रहा है।
करीब एक दशक पहले दिबियापुर बाईपास पर तेजी से प्लाटिंग हुई। आबादी भी बढ़ी। गोविंदनगर, पढ़ीन दरवाजा समेत अन्य सटे मोहल्ले के लोग बाईपास के इस हिस्से पर बसे। मकान बनकर खड़े हो गए, लेकिन इन मोहल्लों को बसाने से पहले यहां जलनिकासी के इंतजाम नहीं किए गए। ऐसे में अब इन मोहल्लों में जलभराव का संकट गहराया है।बारिश हुए करीब छह माह समय बीत चुका है, लेकिन यहां का नजारा झील जैसा है। सड़कें जलभराव के चलते जर्जर हो गई हैं। हालांकि इस साल नगर पालिका परिषद की ओर से बाईपास पर नाला निर्माण का प्रस्ताव तैयार करते हुए काम शुरू कराया है, लेकिन यह कार्य अभी दिबियापुर रोड पर चल रहा है। इसके बाद बाईपास पर पहुंचेगा।
खुद ही मिट्टी डाल बना ली पगडंडी
दिबियापुर बाईपास पर बढ़ी रिहायसी बस्ती में मकान बना चुके लोगों को आवागमन की दिक्कत है। घर तक पहुंचने का रास्ता जर्जर है। पानी से ऊपर पगडंडी को रखने के लिए यहां के लोगों ने खुद मिट्टी मलवा डालकर पगडंडी बना ली है। मूलभूत सुविधाओं को लेकर यहां की आबादी विकास से दूर नजर आ रही है। यहां के लोग सभी तरह के टैक्स अदायगी करते हैं, लेकिन सहूलियत शहर जैसी नहीं मिल पा रही है।
10 साल पहले यहां आकर बसे थे। तब यहां की तस्वीर कुछ और थी। लेकिन अब यहां की सूरत बदरंग है। अब चारों तरफ जलभराव की समस्या है। निकासी के लिए नाले नहीं है। जलकुंभी उगी है।
-अंकित पाल
बारिश के दिनों में पालिका पंपसेट लगाकर यह पानी निकालने का प्रयास करती है, बाद में भूल जाती है। ऐसे में भरे हुए पानी के साथ घरों का पानी भी यहां भर रहा है।
-माधुरी देवी
दिबियापुर बाईपास पर जलभराव के संकट को दूर करने के लिए नाले का निर्माण कराया जा रहा है। यह नाला कई चरणों में पूरा होना है। फिलहाल दिबियापुर रोड पर काम जारी है। इसे बाईपास से जोड़ा जाएगा। इसके बाद पूरी तरह से जलभराव का संकट दूर हो जाएगा।
-अनूप गुप्ता, अध्यक्ष नगर पालिका औरैया