Sunday, December 14, 2025

अजीतमल जुहीखा गांव में यमुना का पानी खतरे के निशान से ऊपर

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अजीतमल (औरैया)। कोटा बैराज से छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक पानी से यमुना नदी उफान पर है। मंगलवार को जुहीखा गांव में जलस्तर खतरे के निशान 113 मीटर को पार कर गया।वहीं यमुना किनारे बीहड़ पट्टी में बसे दर्जनों गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। गौहानी कलां समेत कई गांव में पानी घुसने से उनका अन्य गांवों से संपर्क टूट गया है। सिकरोड़ी में भी पानी घुसने का खतरा है।जिला प्रशासन ने बाढ़ की चपेट में आने वाले गांवों के लोगों को गांव खाली कर सुरक्षित स्थानों पर भेजने के निर्देश दिए हैं। राजस्व व विकास विभाग की टीम यमुना किनारे बसे गांवों पर लगातार नजर बनाए हुए है। वहीं पुलिस भी मुस्तैद है। लोगों को बाढ़ के पानी से दूर रखा जा रहा है।

मंगलवार सुबह आठ बजे तक जुहीखा पुल के पास बनाए गए जल मापक प्वाइंट पर पानी 113.980 मीटर तक पहुंच गया। जबकि यहां खतरे का निशान 113 मीटर पर है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से गौहानी कलां संपर्क मार्ग पर पानी घुस गया है। इससे रपटा पुल डूब गया है। उसके ऊपर से पानी बह रहा है। इससे गांव का संपर्क अजीतमल व अन्य गांवों से कट गया है।

सिकरोड़ी पुल से होकर इटावा को जाने वाली सड़क के किनारे तक पानी पहुंच गया है। आशंका है कि अगर जलस्तर बढ़ता रहा तो इटावा को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग भी बंद हो जाएगा। यमुना किनारे बसे सिकरोड़ी, जुहीखा व बड़ेरा आदि गांवों के किनारे तक पानी पहुंच चुका है। इससे इन गांवों में बाढ़ का खतरा ज्यादा है। गांव में निचले स्थानों पर रह रहे परिवार पलायन की तैयारी में हैं।

बाढ़ राहत चौकी बनाए गए प्राथमिक विद्यालय हनुमानगढ़ी पहुंचे अधिकारी
यमुना के बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए एसडीएम निखिल राजपूत व बीडीओ अतुल यादव ने मंगलवार को सिकरोड़ी व बड़ेरा गांव का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ राहत चौकी बनाए गए प्राथमिक विद्यालय हनुमान गढ़ी का भी निरीक्षण किया। उन्होंने तैनात लेखपालों को खराब हैंडपंप सही कराने, टैंकरों से पीने के पानी की सप्लाई कराने और बिजली व सफाई व्यवस्था ठीक कराने के आदेश दिए। उन्होंने सिकरोड़ी गांव का भी जायजा लिया। गांव के लोगों से शाम तक स्थिति को देखते हुए बाढ़ चौकियों एवं ऊंचे स्थानों पर पहुंचने के लिए तैयार रहने के लिए कहा।

गौहानी कलां मार्ग पर भरे पानी में चलेंगी दो नाव
एसडीएम ने गौहानी कलां मार्ग पर पानी को देखते हुए गांव आने-जाने के लिए दो नावों की व्यवस्था करने के आदेश दिए। एसडीएम निखिल राजपूत ने बताया कि यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पानी खतरे के निशान तक पहुंच गया है। अभी कुछ गांव के किनारे तक ही पानी पहुंचा है। लोगों से पानी बढ़ने पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के लिए कहा गया है।

बाढ़ से इन गांवों में बढ़ रहा खतरा
तहसील अजीतमल में यमुना किनारे बसे ग्राम गौहानी कलां, बड़ेरा, सिकरोड़ी, जुहीखा, सिमार, गूंज, फरिहा, बीजलपुर, जाजपुर, असेवा, सड़रापुर, सिखरना, असेवटा, बंसियापुर, गौहानी खुर्द, मिश्रपुर मानिकचंद्र, भूरेपुर कला, पहाड़पुर व ततारपुर कलां में बाढ़ का खतरा है। साल 2019 व 2021 में यह गांव यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से प्रभावित हुए थे। ज्यादा बारिश होने व कोटा बैराज से चंबल नदी में पानी छोड़े जाने से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ जाता है। इससे खार व ऊंचे-नीचे टीलों के मध्य कटानों से होकर यमुना का पानी गांव की तरफ आकर सड़कों पर भर जाता है। इससे आवागमन अवरुद्ध हो जाता है।

बीते पांच सालों में हुई जनहानि
वर्ष 2019 में आई बाढ़ से ग्राम सिकरोड़ी, जुहीखा, गूंज व बड़ेरा समेत पांच गांवों की आबादी सर्वाधिक प्रभावित हुई थी। वर्ष 2019 की बाढ़ के दौरान एक ग्रामीण की मौत हुई थी। वर्ष 2021 में गौहानी कलां, बड़ेरा, सिकरोड़ी, जुहीखा, सिमार, गूंज, फरिहा, बीजलपुर, जाजपुर, असेवा व असेवटा समेत 11 गांवों की आबादी प्रभावित हुई थी।

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