आगरा : प्रधानमंत्री 2025 तक देश को टीबी रोग से मुक्त कराने की बात कह रहे हैं। इसके लिए कई योजनाएं भी संचालित की जा रही हैं। लेकिन जिले की स्थिति यह है कि यहां कुल मरीजों के 27 फीसदी बच्चे हैं। 14 वर्ष तक के लगभग 400 बच्चे इस रोग की चपेट में है। सर्वाधिक 150 बच्चे अलीगंज क्षेत्र के हैं। वहीं वर्तमान में जिले में कुल 1482 रोगियों का उपचार चल रहा है। जबकि 3431 टीबी रोगी स्वस्थ हो चुके हैं।मेडिकल कॉलेज के चेस्ट फिजीशियन डॉ. जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि टीबी एक संक्रामक रोग है। जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने व छींकने से फैलता है। कुपोषित बच्चे टीबी का जल्दी शिकार हो जाते हैं। यदि बच्चे को दो सप्ताह या उससे अधिक समय से लगातार खांसी हो तो उसकी जांच अवश्य कराएं।उन्होंने बताया कि बच्चों में व्यस्कों की तुलना में रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है। बच्चों का अपनी उम्र के हिसाब से कम बढ़ना या वजन में कमी होना टीबी के लक्षण हैं। उन्होंने बताया अधिक खांसी, बुखार और रात के समय पसीना आने जैसी समस्या हो रही है तो अनदेखा न करें।
ऐसे करें बच्चों का टीबी से बचाव
– बच्चों को गंभीर खांसी से पीड़ित लोगों से दूर रखें।
– प्रोटीन युक्त चीजें खिलाएं।
– अधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बच्चों को ले जाने से बचें।
– अपने शिशु को जरूरी टीके समय पर लगवाएं। जिसमें टीबी के लिए बीसीजी टीका शामिल है।
– टीबी के लक्षण दिखने पर तुरंत बच्चे को चिकित्सक के पास ले जाएं।
– टीबी रोधी दवाओं का कोर्स बच्चों को पूरा कराएं।
ये बोले सीएमओ
सीएमओ डॉ. उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जिले में टीबी रोग से मुक्ति के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जा रहा है। पूरा कोर्स करने पर टीबी रोगी स्वस्थ भी हो रहे हैं। रोगियों की लगातार खोज की जा रही है। बच्चों में बीमारी बढ़ना चिंताजनक है।
संवाददाता :मीनाक्षी वर्मा